मंत्रीमंडल का विस्तार नहीं कर पा रहे हैं तो मोदी के परम मित्र से सलाह लें साय सरकार…..बाघे

सारंगढ/ देश में ऐसा कोई राज्य नहीं होगा जहां पर चुनाव के दो महीने के भीतर सरकार में मंत्री मंडल का पूर्ण विस्तार न हुआ होगा जन मानस व विकास कार्य को देखते हुए सत्ता में कोई भी पार्टी की बहुमत हो तत्काल सम्पूर्ण मंत्रियों व निगम मण्डल की नियुक्ति कर दी जाती है। कांग्रेस नेता गोपाल बाघे ने छत्तीसगढ़ के भाजपा सरकार की निष्क्रियता को उजागर करते हुए कहा कि आज छत्तीसगढ़ राज्य की भाजपा सरकार के मुखिया विष्णु देव साय के कार्यकाल को डेढ़ साल पूर्ण हो चुके हैं लेकिन इस राज्य में अब तक मंत्री मंडल का पूर्ण विस्तार नहीं हो सका और जो विधायक मंत्री, संसदीय सचिवों के पद के दावेदार हैं वह मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा इस विषय पर ठोस निर्णय न लें पाना अपने आप में हास्यास्पद है। वहीं हर सप्ताह और कुछ न कुछ विशेष दिनों पर मंत्री मंडल का विस्तार होने की बात सुनते सुनते न केवल दावेदारों का बल्कि कार्यकर्ताओं का भी कान पक चुके हैं। ऐसे में निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुखिया विष्णु देव साय को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के परम मित्र से बैठकर छत्तीसगढ़ में मंत्री मंडल विस्तार, संसदीय सचिवों और शेष बचे निगम, मंडल, आयोग, बोर्ड में नियुक्ति को लेकर सलाह मशविरा करने चाहिए क्योंकि छत्तीसगढ़ प्रदेश की भाजपा सरकार दिल्ली से संचालित हो रही है। नरेंद्र मोदी ने बिलासपुर जिले के बिल्हा विधानसभा के ग्राम पंचायत मोहभट्टा में आयोजित समारोह में वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह को अपना परम मित्र बताया था और वहीं डॉ रमन सिंह छत्तीसगढ़ में 15 साल तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उनके कार्यकाल में भी मंत्रीमंडल, संसदीय सचिवों के साथ ही निगम, मंडल, आयोग, बोर्ड में नियुक्ति को लेकर इस तरह लंबी प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ी थी। ऐसे में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को छत्तीसगढ़ के तीन बार मुख्यमंत्री और वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह से बैठकर मंत्री मंडल विस्तार के साथ ही संसदीय सचिवों और शेष बचे निगम, मंडल, आयोग, बोर्ड में नियुक्ति कर देनी चाहिए। वैसे भी कुछ दिन पहले विभिन्न निगम, मंडल, आयोग, बोर्ड में हुए नियुक्ति को डाॅ रमन सिंह की पसंदीदा बताया जा रहा है तो फिर आखिर क्यों विष्णु देव साय मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं करते हुए, संसदीय सचिवों, शेष बचे निगम, मंडल, आयोग, बोर्ड और जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों,अपेक्क्ष बैंक में नियुक्ति जारी करने में असमर्थ क्यों है.