बैरसिया के डूंगरिया से 39,भक्तगण प्रयागराज महाकुंभ के लिए निकले पदयात्रा पर

रिपोर्टर विनय पटेल
बैरसिया के डूंगरिया गांव से आज धार्मिक उत्साह और भक्ति का माहौल देखने को मिला, जब 39,भक्तों की टोली ने प्रयागराज महाकुंभ के लिए पदयात्रा की शुरुआत की। यह टोली दोपहर 11, बजे लगभग गांव के मुख्य हनुमान मंदिर से रवाना हुई। सभी भक्तगण धर्म और आस्था के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा के साथ इस पुण्य यात्रा पर निकले
पदयात्रा में शामिल भक्तगण
इस धार्मिक यात्रा में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं की सूची इस प्रकार है:

प्रयागराज महाकुंभ हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जो हर 12 वर्षों में आयोजित होता है इसे मोक्ष और पुण्य प्राप्ति का महापर्व माना जाता है। भक्तों का यह समूह महाकुंभ में संगम स्नान कर पुण्य अर्जित करने और धर्मिक आयोजनों में भाग लेने का संकल्प लेकर निकला है।
समाज के लिए प्रेरणा
यह यात्रा अन्य भक्तों और समाज के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है। यह न केवल धर्म के प्रति समर्पण का उदाहरण प्रस्तुत करती है, बल्कि युवा पीढ़ी को भी धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ने का काम करती है।
सभी भक्तों को शुभकामनाएं
गांववासियों ने पदयात्रा पर निकले भक्तों को शुभकामनाएं और आशीर्वाद देकर विदा किया। यह धार्मिक यात्रा उनके जीवन में सुख, शांति, और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करे, इसी प्रार्थना के साथ सभी ने उन्हें विदा किया। महाकुंभ में संगम स्नान का पुण्य सभी भक्तों को प्राप्त हो
- दशरथ राजपूत –
2,सावल सिंह राजपूत
3,धर्मेंद्र सिंह राजपूत
4,दिलीप राजपूत
5, माखन राजपूत
6, शैतान राजपूत
7, मोहन राजपूत
8, हेमराज राजपूत
9,राहुल राजपूत - प्रेम सिंह राजपूत
- थान सिंह राजपूत
- वीरेंद्र राजपूत
- सुरजीत सिंह पटेल
- जसवंत सिंह राजपूत
15,सरवन सिंह राजपूत
16,बलवीर सिंह राजपूत
17,जितेंद्र राजपूत
18पर्वत सिंह राजपूत
19कृष्ण पाल सिंह राजपूत
20,कपिल राजपूत
21,शुभम राजपूत
22,अमित राजपूत
23,निरंजन सिंह राजपूत
24,सचिन राजपूत
25,अवतार सिंह राजपूत
26,संग्राम सिंह राजपूत
27,थान सिंह राजपूत
28,मोहर सिंह राजपूत
29पर्वत सिंह राजपूत
30राजकुमार सेन
31,,कृष्ण मोहन पाराशर
32,रामू दास बैरागी
33भूपेंद्र पाल
34,मोहन बाबू साहू
35,प्रदीप कुमार विश्वकर्मा
36,विकास यादव
37हल्के राम प्रजापति
38हरि सिंह जाटव
39मनोज प्रजापति
यात्रा का उद्देश्य और महत्व
यह पदयात्रा न केवल व्यक्तिगत आस्था का प्रदर्शन है, बल्कि समाज में धर्म और आध्यात्मिकता का संदेश देती है। भक्तगण प्रयागराज महाकुंभ में संगम स्नान, धार्मिक अनुष्ठान, और संतों के प्रवचनों में भाग लेंगे। उनका मानना है कि इस यात्रा से न केवल उनके पापों का नाश होगा, बल्कि आध्यात्मिक ज्ञान और शांति भी प्राप्त होगी।
यात्रा का मार्ग और अनुष्ठान
पदयात्रा के दौरान भक्तगण विभिन्न धार्मिक स्थलों डूंगरिया एवं पीपलधार में रात्रि विश्राम करेंगे और मंदिरों पर रुककर पूजन-अर्चन करेंगे। इस यात्रा का हर पड़ाव श्रद्धालुओं के लिए एक नए अनुभव और भक्ति के नए आयाम लेकर आएगा। धार्मिक भजनों और मंत्रोच्चारण के साथ यह यात्रा पूरी भक्ति-भाव से संपन्न की जा रही है।
महाकुंभ का विशेष महत्व