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डोल ग्यारस पर बैरसिया में निकली भव्य शोभायात्रा

विमानों का पूजन अर्चन करके भक्तों ने किया देव प्रतिमाओं का स्वागत,

अखाड़े एवं झांकियां रहीं आकर्षण का केंद्र
रिपोर्टर विनय पटेल
बैरसिया।हिंदू उत्सव समिति बैरसिया के तत्वाधान में समूचे बैरसिया नगर में जल झूलनी ग्यारस विमानों की विशाल शोभायात्रा के साथ बड़े हर्षोल्लास से मनाई गई। शुक्ल और कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को चंद्रमा की ग्यारह कलाओं का प्रभाव जीवों पर पड़ता है। इसके फलस्वरूप शरीर की स्थिति और मन की चंचलता स्वाभाविक रूप से बढ़ जाती है। इसी कारण उपवास द्वारा शरीर को संभालना और देवताओं की पूजा करके मन को नियंत्रण में रखना एकादशी व्रत विधान है और एकादशी का वैसे भी सनातन धर्म में बहुत महत्व माना गया है। आज भगवान कृष्ण जन्म के 18 दिन माता यशोदा ने उनका जल पूजन किया था इसी दिन को ढोल ग्यारस के रूप में मनाया जाता है।
आज ही भगवान श्री कृष्ण को ढोल में बिठाकर विभिन्न झांकियां सजाकर जलविहार करवाया जाता है इसी को लेकर आज बैरसिया में प्रत्येक मंदिरों के देव विमान सजाकर भव्य शोभा यात्रा नगर के प्रमुख मार्ग से होते हुए सांवलिया मंदिर से होकर छत्री मंदिर बड़ा तालाब पर पहुंची सभी विमानों की जल झूलन की परंपरा को मोर मुकुट वंशीवाले की जय बोलकर जीवंत किया। वही पर सभी भक्तों ने पूजन विधि के साथ दर्शन किए।
इस विशाल शोभायात्रा में तरह तरह की झांकियों वा अखाड़ों ने भक्तों का मन मोह लिया। इस पावन अवसर पर बड़ी संख्या में नगरवासी,भक्तजन एवं गणमान्य नागरिक मौजूद थे। पुलिस,प्रशासन ने भी शोभायात्रा में व्यवधान न हो इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए थे।

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