छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों हेतु कैशलेस चिकित्सा ईलाज की सुविधा प्रदान करने cm साय जी को पत्र लिखें-सारंगढ़ विधायक श्रीमती उत्तरी गणपत जांगड़े

सारंगढ़ :- ज़िला संयोजक नंदकिशोर पटेल के अगुवाई में छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों हेतु कैशलेस चिकित्सा ईलाज की सुविधा प्रदान तथा जिला संयोजक, छ०ग० कैशलेस चिकित्सा सेवा कर्मचारी कल्याण संघ सारंगढ़ बिलाईगढ़ का आवेदन के परिपेक्ष में छत्तीसगढ़ राज्य के शासकीय कर्मचारियों को विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं व आकस्मिक स्थितियो में समय समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना अत्यंत आवश्यक बताया गया है। वर्तमान में कर्मचारियों को ईलाज हेतु स्वयं व्यय कर बाद में प्रतिपूर्ति हेतु आवेदन करना पड़ता है, इसकी प्रक्रिया बहुत लम्बी एवं समय अधिक लगने के कारण उन्हे आर्थिक एवं मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। वर्तमान में अनेक राज्य कैशलेस चिकित्सा की सुविधा कर्मचारियों को दे रहे है तथा इस कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान करने में हमारा छत्तीसगढ़ प्रदेश पीछे ना रहे।
सारंगढ़ विधायक नें अपने पत्र में मुख्यमंत्री साय जी को निवेदन किए है की राज्य के सभी कर्मचारियों एवं उनके आश्रितो को कैशलेस चिकित्सा ईलाज की सुविधा प्रदान की जाए, जिससे वे किसी भी मान्यता प्राप्त अस्पताल में सीधे निःशुल्क उपचार प्राप्त कर सकें। इससे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा तथा वे अपने कर्तव्यो का निर्वहन और निष्ठा से कर सकेंगें। शीघ्र ही इस संबंध में आवश्यक पहल कर कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की बात की गयी है ।
क्या कहतें है ज़िला संयोजक नंदकिशोर पटेल :-
कैशलेस चिकित्सा कर्मचारियों के हित का फैसला तथा सरकार के बजट बचत तथा डिजिलीकरण की फैसल को समर्थन करता है, सारंगढ़ विधायक श्रीमती उत्तरी गणपत जांगड़े को समूचे कर्मचारी जगत की ओर से धन्यवाद तथा माननीय मुख्यमंत्री जी से पूर्ण विश्वास है कि हमारे नीतिसंगत मांग को शीघ्र पूर्ण करने के ऐलान किया जाएगा।
नंदकिशोर पटेल
ज़िला संयोजक
छ०ग० कैशलेस चिकित्सा सेवा कर्मचारी कल्याण संघ सारंगढ़
आइये समझते है क्यों जरुरी है कैशलेस :-
कैशलेस चिकित्सा क्यो??
मेडिकल क्षतिपूर्ति राशि को क्लेम करने में क्या क्या दिक्कत आता है?
1)सबसे पहले ये तय करें कि जिस अस्पताल में जा रहे है उसमे मान्यता हो,नही तो ज्ञानता में इलाज कराने पर धन राशि व्यय हो जाता है
2) सेवा पुस्तिका में नाम है की नही,फालना ढिकाना बहाना से निजाद, डाक्टर से फॉर्म साइन करने पर परेशानी।
3)बिल को फॉरवर्ड करना,जिला मेडिकल बोर्ड लेन देन की संभावना नहीं तो बिल की कटिंग की संभावना, कैसलेश में सम्भावना शून्य
4)मेडिकल बोर्ड से पास उपरांत डिमांड जिला को भेजने हेतु डीडीओ को मशक्कत, केसलेस में नही।
5) जिला से राज्य को भुगतान हेतु मांग,जिला में आने के बाद,बंदर बांट,अगर नहीं दिए चंदा नम्बर नही लगेगा बंदा का, कैश लेस में सम्भावना शून्य।
6) गनीमत से राज्य से पैसा आ गया जिला,जिला से DDo उसके बाद असली खेल शुरू की संभावना केशलेश में शून्य
7)DDo से बिल बनवाया तो जटिल, ट्रेजरी गया तो जटिल,, यहीं है सबका धंधा।
आपका 100 रुपए खर्च होंगे पर मिलेगा सिर्फ60 हाथ आएगा
इसके साथ आपको मुफ्त में परेशानी मानसीक प्रताड़ना झेलना पड़ेगा।
इस सब से मुक्ति पाने के कैशलेस चिकित्सा जरुरी है।