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श्रीराम कथा में सुनाया गया राम चरित्र मानस का प्रसंग


रिपोर्टर विनय पटेल
बैरसिया के गांव डूंगरिया मे श्री मढ़माता मंदिर में श्री राम कथा के चौथे दिन कथावाचक सुश्री स्वाति किशोरी वृंदावन धाम ने श्रीरामजानकी विवाह प्रसंग सुनाया यह कथा 16 मार्च से 22 मार्च तक प्रतिदिन दोपहर 12:00 से 5,00 बजे तक चलेगी। सभी श्रद्धालुओं ने श्री राम पूजन करके कथावाचक स्वाति किशोरी को तिलक लगाया। श्रीराम विवाह प्रसंग के अलावा परशुराम- लक्ष्मण संवाद, चारों भाईयों के फेरे और अयोध्या में विवाह का आनंद मंगल आदि प्रसंग भी सुनाए गए। राम कथा सुनाते हुए कथावाचक ने कहा कि वन गमन करते समय ऋषि विश्वामित्र को राजा जनक द्वारा भेजी हुई कुमकुम पत्रिका मिलती है और विश्वामित्र राम-लक्ष्मण के साथ जनकपुरी में राजकुमारी सीता के स्वंयवर में पहुंचते है। राम सीता की प्रथम भेंट एक पुष्पवाटिका में होती है जहां सीता अपनी सखियों सहित गौरी पूजन के लिए पुष्प तोडती है। जैसे ही माता सीता श्री राम को देखती है तो अपनी दोनों आंखें बंद कर लेती है। सीता स्वयंवर में रखी गई शर्त के अनुसार सभी राजा शिव धनुष पर कोई भी राजा प्रत्यंचा नहीं चढा पाया।
प्रतिदिन महा राम आरती में गब्बर सिंह राजपूत सुनील राजपूत दिलीप सिंह राजपूत , दशरथ सिंह राजपूत , मनोज राजपूत , निरंजन सिंह राजपूत , चंद्र प्रकाश राजपूत , जनमेर सिंह राजपूत, कृष्ण पाल सिंह राजपूत, यशवंत सिंह राजपूत, अनिल राजपूत, सुरेंद्र राजपूत, गंगाराम प्रजापति
सहित बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल रहीं।

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