राजधानी में किसानों का हल्ला बोल

भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में न्याय की गूंज

रिपोर्टर: विनय पटेल
भोपाल। किसानों की लंबित समस्याओं और प्रशासन की अनदेखी के खिलाफ भारतीय किसान संघ ने बड़ा आंदोलन करने का फैसला किया है। हजारों किसान 5 फरवरी, बुधवार को वल्लभ भवन का घेराव करेंगे और अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाएंगे।
किसानों की समस्याओं की अनदेखी
भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष गिरवर सिंह राजपूत ने बताया कि वर्षों से किसानों की समस्याओं को केवल आश्वासन देकर टाला जाता रहा है, लेकिन अब किसान चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि चाहे बिजली कटौती हो, खाद-बीज की किल्लत हो या तहसील कार्यालयों में हो रही अनियमितताएं, किसान हर स्तर पर परेशान हो रहे हैं। बार-बार सरकार से गुहार लगाने के बावजूद कोई ठोस समाधान नहीं निकला।
भारतीय किसान संघ का दृढ़ संकल्प
गिरवर सिंह राजपूत ने स्पष्ट किया कि भारतीय किसान संघ किसानों के साथ हर परिस्थिति में खड़ा है और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेगा। उन्होंने कहा,
“किसानों की उपेक्षा राजनीतिक दलों द्वारा हमेशा की जाती रही है, लेकिन अब किसान संघ किसी भी तरह के शोषण को बर्दाश्त नहीं करेगा। किसानों के हक की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।”
5 फरवरी को होगा वल्लभ भवन घेराव
किसान संघ के नेतृत्व में हजारों किसान 5 फरवरी को राजधानी भोपाल में जुटेंगे और वल्लभ भवन का घेराव करेंगे। यह प्रदर्शन सरकार को यह एहसास दिलाने के लिए होगा कि अब किसान अपनी मांगों को लेकर गंभीर हैं और उन्हें अब केवल आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस समाधान चाहिए।
शासन-प्रशासन पर बढ़ेगा दबाव
इस आंदोलन के जरिए किसान संघ सरकार से तत्काल प्रभाव से सभी लंबित मांगों को पूरा करने की मांग करेगा। यदि सरकार ने जल्द कोई ठोस निर्णय नहीं लिया, तो यह आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।
किसानों की एकता से बदलेगी तस्वीर
इस जनसंपर्क अभियान के तहत 300 से अधिक ग्रामों में किसान संघ के पदाधिकारियों ने किसानों को संगठित किया है और उनकी आवाज बुलंद करने के लिए प्रेरित किया है। इस बार किसान पूरी मजबूती के साथ अपनी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं।
किसानों की इस महापहल से सरकार के सामने एक कड़ा संदेश जाएगा कि अब समस्याओं को हल करना जरूरी हो गया है। भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में होने वाला यह प्रदर्शन किसानों की एकता और उनके संकल्प का प्रतीक बनेगा। अब देखना होगा कि शासन-प्रशासन इस पर क्या रुख अपनाता है।