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भारतीय किसान संघ मध्यभारत प्रांत के नेतृत्व में5 फ़रवरी को राजधानी में गरजेंगे प्रदेश के किसान

अन्नदाता अधिकार रैली व वल्लभ भवन का घेराव कर जाहिर करेंगे अपना रोष

भोपाल 24 फरवरी। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल एक बार फिर 5 फ़रवरी को किसान आंदोलन का अखाड़ा बनने जा रही है। प्रदेश का किसान राजस्व, खाद, बिजली, पानी, मंडी, एमएसपी, सिंचाई, पशुपालन आदि की समस्याओं से परेशान हैं। संघ के अनुषांगिक संगठन भारतीय किसान संघ ने मध्यप्रदेश सरकार के खिलाफ विरोध का बिगुल फूंक दिया है। शुक्रवार को भारतीय किसान संघ के प्रदेश कार्यालय में आयोजित पत्रकारवार्ता में किसान संघ के मध्यभारत प्रांत अध्यक्ष सर्वज्ञ दीवान ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए श्री दीवान ने कहा कि प्रदेश का किसान राजस्व विभाग के अधिकारियों के द्वारा फौती नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, बटांकन, नक्शा सुधार जैसे कार्यों में की जा रही लूट से परेशान हो चुका है। निरंकुश अफसरशाही के खिलाफ प्रदेश का किसान खेतों से निकलकर राजधानी की सड़कों पर 5 फ़रवरी को अपने अधिकार के लिए अन्नदाता अधिकार रैली व वल्लभ भवन घेराव कार्यक्रम में शामिल होगा।

ज्ञापन देने के बावजूद नहीं चेती सरकार
भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि किसान संघ ने किसानों की समस्याओं को लेकर तहसील व जिला स्तर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपे। लेकिन आज तलक किसानों की किसी भी समस्या पर प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया है। इसलिए किसान अपनी समस्याओं को सुनाने व निदान के लिए सरकार के दरवाजे पर आने के लिए मजबूर है।

गांव गांव में किसान कर रहे बैठक
अन्नदाता अधिकार रैली व वल्लभ भवन घेराव में किसानों को शामिल करने के लिए किसान संघ के ग्राम समिति से लेकर प्रांत स्तर तक के पदाधिकारी गांव गांव बैठकें कर रहे हैं और किसानों की विभिन्न समस्याओं की चर्चा कर भोपाल आने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं।

बढ़े हुए बिजली बिलों से किसान त्रस्त
किसानों का कहना है कि बिजली विभाग के द्वारा कृषि विद्युत कनेक्शन में हॉर्स पावर भार वृद्धि करने के कारण किसानों को बढ़े हुए बिजली के बिल भेजे जा रहे हैं। जिससे किसान नाराज है। किसान बिजली कंपनियों के द्वारा बिना जांच के भार वृद्धि करने के कारण आंदोलन के मूड में हैं और उसने सरकार के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया है।

ये हैं किसानों की प्रमुख मांगे

  1. फौती नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, बटांकन, ऑनलाइन रिकॉर्ड व नक्शा सुधारा जाए।
  2. हॉर्स पावर क्षमता वृद्धि वापिस ली जाये, जले ट्रांसफार्मर व लाइनें समय सीमा में बदली जाए।
  3. डीएपी, यूरिया खाद सहकारिता के माध्यम से नगद वितरण समय पर किया जाए।
  4. सभी मंडियों में फ्लेट कांटो से तुलाई अनिवार्य की जाए। मंडी परिसर में ही भुगतान हो।
  5. नकली दूध बनाने वालो पर सख्त कार्रवाई हो, गौ अभयारण्य खोले जाएं।
  6. प्रस्तावित व स्वीकृत नहरों के कार्य शीघ्र पूर्ण किए जाएं।
  7. सभी फसलों को एमएसपी से नीचे नहीं खरीदा जाए।
  8. किसानों के झूठे प्रकरण वापिस हों।
  9. पूसा बासमती धान को जीआई टैग दिलाया जाए।
  10. धान 3100 रुपए व गेहूं 2700 रुपए प्रति क्विंटल खरीदा जाए।

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