सहायक शिक्षक को न विसंगति से मुक्ति मिला? न कैंसलेश मेडिकल सुविधा? न आधुनिक डिजिटल शिक्षा पर जोर?-शिक्षक नेता नंदकिशोर पटेल

राज्य के वित्त मंत्री ओपी चौधरी के हाथ से लिखे हुए बजट की आलोचना शुरू हो गई है । राज्य का कर्मचारी विष्णु देव साय सरकार के दूसरे बजट में खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा, मोदी की गारंटी फीकी सी प्रतीत हो रहीं है । महंगाई भत्ता के झुनझुने ने राज्य के कर्मचारियों नाखुश किया है। राज्य के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया स्थानीय बरमकेला के शिक्षक नेता नंदकिशोर पटेल का कहना है कि न तो इस बजट में सहायक शिक्षक वेतन विसंगति दूर हुआ, न ही देय तिथि से महंगाई भत्ता दिया गया,, और तो और हमें महत्वपूर्ण मांग कैशलेस मेडिकल सुविधा से भी वंचित रहना पड़ गया, जिस प्रकार से वित्त मंत्री जी का इनोवेशन पर ध्यान दिया गया था हमें अपेक्षा थी कि इस बार हमें डिजिटल रूप से आधुनिक शिक्षा के पर कुछ, विशेष इस बजट मिलने वाला है , इतिहास गवाह है बजट के नाम पर कर्मचारियों की मांग का हमेशा अनदेखी किया जाता है । इस बजट में भी ऐसा ही हुआ है।
शिक्षक नेता नंदकिशोर पटेल का कहना है कि वित्त मंत्री ओपी चौधरी का यह बजट 100 पन्ने से भी अधिक का है ।जिसे उन्होने अपने हाथों से लिखा है।इस बजट को लिखते समय राज्य की पूरी अर्थव्यवस्था और पूरा सिस्टम का संचालन वाले कर्मचारियों अधिकारियों के लिए वित्त मंत्री ने उनके हितों को लिखने के लिए कुछ पन्ने में कमी कर दी है ।इसे लेकर कर्मचारियों में नाराज़गी है।
कर्मचारी साथियों का कहना है कि राज्य के कर्मचारियों को केशलेश चिकित्सा सुविधा , संविदा ,अनियमित सहित नियमित हुए शिक्षकों की पुरानी सेवा की गणना के आधार पर ओल्ड पेंशन की गणना ,क्रमोन्नत, समयमान वेतन, चार स्तरीय वेतनमान का कर्मचारियों अधिकारियों को बजट लिखते समय शामिल नहीं किया जाना चिंता का विषय है।