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ग्रामीण राजनीति से शहरी राजनीति तक: बदलता परिवेश और विकराल चुनौतियां


रिपोर्टर विनय पटेल
बैरसिया।। एक समय था जब राजनीति समाज सेवा का माध्यम मानी जाती थी। ग्रामीण क्षेत्रों में मुखिया और पंचायतें मिलकर स्थानीय मुद्दों का समाधान करती थीं। लोग एक-दूसरे के प्रति सम्मान रखते थे और विवादों को संवाद के जरिए सुलझा लिया जाता था। लेकिन आज के समय में राजनीति का स्वरूप पूरी तरह बदल चुका है।

ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती राजनीतिक दरार

ग्रामीण क्षेत्रों में चुनावों के दौरान लोग विभिन्न पार्टियों के समर्थकों में बंट जाते हैं। चुनावी तनाव के कारण आपसी संबंधों में खटास आ जाती है। यही खटास कभी-कभी पीढ़ियों तक जारी रहती है। दुर्भाग्यवश, जिन नेताओं को जनता चुनकर भेजती है, वे अपनी राजनीतिक लाभ के लिए दूसरी पार्टी या सरकार के साथ जुड़ जाते हैं। लेकिन जिन ग्रामीणों ने उनके लिए संघर्ष किया, वे आपस में वैमनस्य का शिकार हो जाते हैं।

राजनीतिक आदर्शों का पतन

पहले के राजनेता समाज सेवा और ईमानदारी के प्रतीक होते थे। लेकिन आज राजनीति भ्रष्टाचार, लालच और स्वार्थ का पर्याय बन चुकी है। सरकारी तंत्र में बिना रिश्वत के काम करवाना मुश्किल हो गया है। जनता से किए गए वादे अधूरे रह जाते हैं, और लोगों को उनके अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ता है।

शिक्षा का गिरता स्तर

सरकार के आंकड़ों में शिक्षा की पहुंच व्यापक दिखती है, लेकिन वास्तविकता इससे कोसों दूर है। आज भी कई ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों को बुनियादी शिक्षा तक नहीं मिलती। गरीबी और जागरूकता की कमी के कारण बच्चे भिक्षावृत्ति और नशे की ओर बढ़ रहे हैं। सरकारी स्कूलों और शिक्षा के मंदिरों में भ्रष्टाचार ने शिक्षा के उद्देश्य को कुंठित कर दिया है।

महिलाओं और बच्चियों के प्रति बढ़ते अपराध

समाज में महिलाओं और बच्चियों के प्रति अपराधों की घटनाएं बढ़ रही हैं। यौन उत्पीड़न और हिंसा के मामलों में इजाफा हो रहा है। इसके अलावा, पश्चिमी सभ्यता के अंधानुकरण ने पारिवारिक मूल्यों को कमजोर कर दिया है। संस्कार और संस्कृति पीछे छूट गए हैं, और पैसे को ही सर्वोपरि माना जाने लगा है।

सरकार की भूमिका और आवश्यक सुधार

सरकार को शिक्षा, रोजगार, और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

  1. भिक्षावृत्ति रोकने के लिए योजनाएं: सरकार को भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों और उनके परिवारों के लिए पुनर्वास योजनाएं लागू करनी चाहिए। हेल्पलाइन नंबर और जागरूकता अभियानों के माध्यम से उन्हें शिक्षा और रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए जाने चाहिए।
  2. शिक्षा और तकनीकी कौशल का विस्तार: ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर सुधारने और तकनीकी प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के लिए ठोस प्रयास किए जाने चाहिए। इससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
  3. महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा: महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराधों को रोकने के लिए सख्त कानून लागू करने और जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।

आज राजनीति का स्वरूप बदल चुका है। यह केवल सत्ता का खेल बनकर रह गया है। जरूरत है कि समाज और सरकार दोनों मिलकर इन समस्याओं का समाधान ढूंढें। राजनीति को सेवा का माध्यम बनाया जाए, और समाज को ऐसी दिशा दी जाए, जहां हर नागरिक के पास शिक्षा, रोजगार, और सुरक्षा का अधिकार हो।

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