कोरबा

महिला सरपंच के विकास की कहानी : 8वी पास अमिता राज ने साढ़े चार साल में बदली पंचायत के गांवों की तस्वीर, ग्राम को आदर्श बनाने, स्वच्छता एवं नशाबंदी की दिशा में चला रही मुहिम

लाइव भारत 36 न्यूज़ से यशपाल सिंह की रिपोर्ट


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कोरबा/पोड़ी उपरोड़ा:- निर्णय लेने की प्रक्रिया में महिलाओं की हिस्सेदारी जमीनी स्तर पर कितना बदलाव ला सकती है, इसकी एक बानगी दिखाई दी अमिता राज में। जिन्होंने साबित कर दिखाया कि किस तरह एक महिला सरपंच भी ग्राम उत्थान के लिए निर्णय लेकर पंचायत क्षेत्र का विकास और जरूरतमंदों तक बुनियादी सुविधाएं पहुँचा सकती है

पोड़ी उपरोड़ा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत कोनकोना जहां की जनसंख्या करीब 2000 एवं मतदाता संख्या 1700 है। 20 वार्डों वाले इस ग्राम पंचायत के विकास का निर्णय 8वी पास अमिता लेती है। जिस निर्णय पर पंचो की मुहर और ग्रामीणों की सहमति होती है। कभी गृहणी के रूप में पति, बच्चों सहित ससुराल के सदस्यों की जिम्मेदारी निभाने वाली अमिता राज आज ग्राम विकास को लेकर दृढ़ संकल्पित होकर पंचायत की जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन करते हुए ग्राम विकास से गांवों की तस्वीर बदल रही है। सरपंच अमिता राज ने लगन और मेहनत से सरकारी राशि का उचित इस्तेमाल करते हुए गांव को मॉडल ग्राम पंचायत की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है। पद संभालने के बाद उन्होंने विकास कार्यों को अलग- अलग श्रेणी में रखकर सरकारी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन कर रही है तथा ग्राम सहित आसपास क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बना चुकी है। जिन्हें सब “मुखिया दीदी” के नाम से बुलाते है। सरपंच की सोच गांव को पूर्ण स्वच्छ, आदर्श व नशामुक्त बनाने की है। जिस विजन पर वे कार्य कर रही है। सरपंच अमिता राज अपने निर्वाचन के बाद से ही ग्राम में नशाबंदी के खिलाफ मुहिम चलाकर अवैध नशे की बिक्री पर रोक लगाने की दिशा में कार्य करते हुए नशेड़ियों को नशे से दूर रहने समझाईश देती आ रही है। सरपंच का प्रयास कि नशामुक्त ग्राम व युवा वर्ग को नशे से बचाना है। स्वच्छता को लेकर ग्रामीणों को घर का कचरा गली में न फेंकने, कचरे के लिए कूड़ादान का उपयोग करने और शौचालय की उपयोगिता के लिए प्रेरित कर रही है। वहीं आदर्श ग्राम की दिशा में निरंतर ग्रामीणों का सहयोग ले रही है।

सुलभ रूप से हो रहा पानी व्यवस्था
सरपंच अमिता राज ने बताया कि ग्राम की महिलाएं पहले हेंडपम्प से पानी भरती थी अथवा दूर से लेकर आती थी। जिस समस्या को देख गांव में सुलभ रूप से पानी मुहैया कराने का मन मे विचार आया। जिसके बाद 24 हेंडपम्पो में 13 लाख की लागत से सबमर्सिबल पंप व सिन्टेक्स स्थापित किया गया। जिसकी बदौलत ग्राम पंचायत के गांवों में आज शुद्ध पानी सुलभ रूप से उपलब्ध हो रहा है। वहीं स्कूल, आंगनबाड़ी सहित शासकीय कार्यालयों में 7 स्थानों पर 6.50 लाख से रनिंग वाटर स्थापना की गई है। मुख्य ग्राम से दूर एवं दुर्गम मार्ग वाले गांव कोठारपारा जहां 8- 9 घरों के यादव परिवार बसते है। वहां पानी व्यवस्था हेतु 2 लाख की लागत से एक कुंआ का निर्माण कराया गया है।

दूरस्थ बसे ग्रामीणों तक घर पहुँच सेवा के तहत पहुँचाया जाता है सरकारी राशन सामाग्री
कोनकोना पंचायत के आश्रित ग्राम समेलीभांठा, छिबरीपारा, घोघरापारा, बरौदखार, पंडरीपानी, कछारपारा, शिवपुर व कोठारपारा, उक्त ग्रामों की दूरी मुख्य ग्राम से 3 से 15 किलोमीटर की है। कच्चे पहुँचमार्ग होने के कारण जहां के निवासियों को उचित मूल्य की दुकान तक पहुँचने व राशन सामाग्री लेकर जाने में भारी परेशानी होती थी। लेकिन सरपंच अमिता ने ग्रामीणों की इस समस्या को देखते हुए घर पहुँच सेवा के तहत ट्रैक्टर के माध्यम से उनके गांव तक राशन पहुँचाने की व्यवस्था की है। जिस कार्य मे लगे वाहन का खर्च सरपंच निजी रूप से वहन करती है।

जरूरतमंदों की मदद में तत्पर
सरपंच अमिता राज ग्राम के जरूरतमंदों के मदद के लिए हमेशा तत्पर रहती है। सुख में हिस्सेदार बनने तो दुख के कार्य मे ढांढस बांधने के साथ हर स्तर पर अपना योगदान देती आ रही है। ग्राम के सामाजिक कार्यों में जरुरतमंदो को राशन सामाग्री और आर्थिक सहयोग करती है। ग्रामीणजन भी अपनी सरपंच के प्रति समर्पित रहते है और ग्राम विकास के निर्णय व विकास कार्यों पर अपनी सहभागिता निर्धारित करते है।

लोगों को रोजगार मुहैया कराने 50 लाख के स्लज प्लांट का करा रही निर्माण
सरपंच की दूरदर्शिता सोच इसी बात से साबित होती है कि उन्होंने अपने ग्राम व आसपास क्षेत्र के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में 50 लाख की स्वीकृति वाले एक स्लज प्लांट का निर्माण करा रही है। स्वच्छ भारत मिशन योजनान्तर्गत स्वीकृत स्लज प्लांट में मानव मल से खाद निर्माण किया जाएगा जिसे शासन द्वारा खरीदी की जाएगी। इससे न सिर्फ शौचालय के उपयोगिता को बल मिलेगा बल्कि ग्राम में भी स्वच्छता आएगी और लोगों को रोजगार मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।

*साढ़े 4 साल में सरपंच ने यह विकास करायी*
सरपंच अमिता राज ने अपने साढ़े 4 साल के कार्यकाल में जो विकास कार्य कराए है उनमें 6 मोहल्लों में सीसी कांक्रीट रोड- 60 लाख, 1 नाली निर्माण- 5 लाख, प्राथमिक एवं कन्या माध्यमिक शाला में सुरक्षा हेतु 2 लाख की लागत से फेंसिंग कार्य, 3 स्थानो पर रिटर्निग वाल- 60 लाख, सांस्कृतिक मंच 5 जगहों पर- 12 लाख, देवस्थल में बाउंड्रीवाल- 2 लाख, सामुदायिक शौचालय- 2 लाख। इसके अलावा मनरेगा से 1.26 करोड़ की लागत से 7 पहुँचमार्ग निर्माण, 6 जगहों पर नया तालाब- 72 लाख, 1 अमृत सरोवर- 20 लाख, तालाब गहरीकरण 5 स्थानों पर- 25 लाख, 15 नया डबरी- 28 लाख, 20 समतलीकरण कार्य- 8 लाख, 5 कुंआ- 9 लाख व 1 रिटर्निंग वाल- 20 लाख शामिल है। सरपंच अमिता ने अपने कार्यकाल में लगभग 150 नया पेंशनधारी व 100 पात्र हितग्राहियों को राशनकार्ड का लाभ दिलाया है।

पति से प्रेरणा लेकर कर रही ग्राम का विकास और सामाजिक कार्य- अमिता
नारी की महत्ता और कार्य कुशलता को उजागर करने वाली सरपंच अमिता राज कहती है कि उन्होंने अपने पति नेपाल सिंह से प्रेरणा लेकर पंचायत चुनाव में उतरी और निर्वाचित होने बाद ग्राम के विकास कार्यो को प्राथमिकता से आगे बढ़ायी। सामाजिक कार्यों में भी हिस्सेदार बनने उन्हें पति का भरपूर साथ व समर्पण मिला। सरपंच ने आगे कहा कि देश मे महिलाओं की बड़ी जनसंख्या होने के बावजूद अगर उनकी भागीदारी देश के विकास में न हो तो इस जनसंख्या को उचित अवसर नही प्राप्त होगा। महिला जनशक्ति की भागीदारी के बिना किसी भी प्रकार के विकास की कल्पना नही की जा सकती। इसलिए ग्रामीण विकास के लिए महिलाओं की भागीदारी महत्त्वपूर्ण मानी गई है। महिलाओं को जनप्रतिनिधि के रूप में चुने जाने से ग्रामीण क्षेत्रों के सामाजिक वातावरण की भी उन्नति होती है। इसके अतिरिक्त महिलाओं के मनोबल में वृद्धि, महिला शिक्षा, महिला स्वास्थ्य, महिला प्रतिष्ठा आदि में भी वृद्धि होती है। महिला को जनप्रतिनिधि के रूप में चुने जाने से महिलाओं में व्याप्त पर्दा प्रथा, झिझक एवं घबराहट दूर होती है तथा सही निर्णय करने की क्षमता का विकास होता है।

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