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करोड़ों रुपए खर्च के बाद भी जनता को नहीं मिल रहा है पानी.. अफसरों को पता नहीं कहां पानी मिल रहा कहां नहीं

रिपोर्टर विनय पटेल

बैरसिया विकास खण्ड क्षेत्रांतर्गत आने वाले कई गांवों में सरकार की महत्वपूर्ण योजना जल जीवन मिशन के कार्य में बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है जल जीवन मिशन के तहत हर घर तक नल कनेक्शन के माध्यम से शुद्ध पानी पहुंचानें के लिए शासन द्वारा भले ही करोड़ों रुपए खर्च किए गए हों लेकिन योजना में निचले स्तर पर बड़ा झोल दिखाई दे रहा है। जिन गांवों में योजना के तहत पानी की टंकी बनाकर पाइप लाइन बिछाई गई. और घरों तक पानी पहुंचाने के लिए नल कनेक्शन दिए गए उनमें से कई गांवों में ठेकेदारों ने कार्य में सिर्फ खानापूर्ति ही की है योजना संचालनालय का जिम्मा पीएचई विभाग है लेकिन पीएचई विभाग संचालनालय कराने में पूरी तरह से विफल दिखाई दे रहा. विभाग के जिम्मेदार अफसर, इंजिनियरों के भरोसे योजना में सरकार ने एक बड़ी धनराशि खर्च तो की किंतू अफसर योजना को धरातल पर उतारने में नाकाम साबित हो रहें हैं बताया जाता है कि अफसरों ने कार्य की देखरेख गुणवत्ता की जांच नहीं की जिसके परिणामस्वरूप ठेकेदारों ने योजना में भारी अनियमितताएं बरत सिर्फ खानापूर्ति ही की है.जिससे अधिकांश गांवों में योजना कागज़ी आंकड़ों पर ही सिमट कर जमीन पर धराशाई हो रही. टंकी बनी लेकिन पानी नहीं, कही पानी की लाइन ज़मीन में गड़ाने की जगह ऊपर ही छोड़ दी गई जिससे यह लाइनें टूट रही और पानी सप्लाई नहीं हो पा रहा है। और ठेकेदार रफूचक्कर हो गये। महिनों बीतने के बाद भी घरों तक बूंद भर भी पानी नहीं पहुंचा इतना ही नहीं कई जगह बीच सड़क पर पानी लाइन निकली दिखाई दे रही जो वाहनों के पहियों से पानी शुरू होने से पहले ही टूट रही जहां पानी सप्लाई हो रही वहां आधे इलाकों में पानी नहीं पहुंच रहा सीवेज की नालियों में पानी सप्लाई पाइप डाल दी गई। जिसमें पानी दूषित होने का खतरा बना हुआ है। हैरत की बात यह है कि पीएचई विभाग के जिम्मेदार अफसरों को पता ही नहीं है कि पानी पहुंच रहा है या नहीं उनका कहना है पानी सभी जगह पहुंच रहा है इससे साफ़ अंदाजा लगाया जा सकता है कि योजना के जमीन पर क्या हाल होंगे

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