बलौदा बाजार

हर घर अंधेरा घर घर अंधेरा आजादी के अमृतकाल में वनांचल क्षेत्रों में छाया अंधेरा



लाइव भारत 36 न्यूज़ बलौदाबाजार से धीरेन्द्र साहू


सोलर पावर प्लांट महीने भर से ठप,अधिकारी मस्त जनता त्रस्त

बलौदाबाजार///देश भले ही आजादी का अमृत महोत्सव काल की 77 वा स्वतंत्रता दिवस मना रहा हो लेकिन आज भी लोगों को अपनी बुनियादी सुविधाओं से आजादी नहीं मिला है।जहां बलौदाबाजार जिले के अंतिम छोर में बसे बारनवापारा क्षेत्र के वनांचल वासियों को आज भी पक्की सड़कें,बिजली,पानी,स्वास्थ्य शिक्षा रोजगार आदि अनेकों जरुरत मंद कामकाज सुख सुविधाओं से लोग आज भी वंचित हैं।इन वनांचल गांवों में बिजली नहीं होने के कारण सरकार ने योजना अंतर्गत प्रत्येक गांवों को सोलर प्लांट सिस्टम से बिजली आपूर्ति करने जैसे झुनझुना तो लगा दिया है किंतु यह सिस्टम कब तक चलेगा,कब तक जलेगा इसका कोई जिम्मेदार नहीं हैं।जिसका खामियाजा ग्रामीणों को अंधेरे में रहकर गुजारना पड़ रहा है।सोलर सिस्टम के नाम पर केवल और केवल खानापूर्ति की जा रही है।इस समस्या को लेकर वनांचल ग्राम रवान और आमगांव के ग्रामीणों ने बताया की सोलर पावर प्लांट महीने भर से बंद पड़ा हुआ है।ग्रामीण अंधेरे में जीवन जीने को मजबूर हो रहे है।सरकार बदलने पर लोगो को भी अपने जीवन स्तर बदलने की उम्मीद थी,लेकिन सरकार भले ही बदल गए पर वनांचल के ग्रामीणों का जीवन नही बदला।,ग्राम रवान में 2004 से सोलर पावर प्लांट लगा हुआ है हर बार सरकार से बिजली की मांग करते है पर सरकार द्वारा वन ग्रामों में बिजली नहीं देने का हवाला देते हुए सोलर पावर को विस्तार करने की आश्वाशन देते है लेकिन ये भी आश्वाशन ही रह जाता है।देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है इधर लोग अंधेरे में जंगली जानवर के बीच खतरे में जीवन जी रहे है।सरकार डिजिटल इंडिया की बात करती है जबकि गांव में बिजली और नेटवर्क नही।ग्राम आमगांव के ग्रामीणों का कहना है की सरकार या सोलर को दिन और रातभर दे नही तो इसे भी ले जाए,ये सिस्टम सिर्फ दिखाने और वाहवाही के लिए मत लगाए।अभी ग्रामीण पूरी तरफ अंधेरे में जी रहे है किसी को कोई तबीयत खराब हो या बच्चों को पढ़ना हो तो कोई सुविधा ही नही है।वनांचल के और बाकी ग्राम मोहदा,कौहाबहारा,छताल का भी यही हाल है।ऊपर जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी को फोन करने पर आजकल बन जायेगा करके बहाना करते है और अपने सैलेरी और सोलर की सर्विस चार्ज पूरे एक साल की पहले से ही ले लेते है किंतु धरातल पर आज भी अंधेरा छाया हुआ है।

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