कोंध समाज का प्रदेश अध्यक्ष बने सुरेन्द्र सिदार,, समाज मे उत्साह का माहौल

देवराज दीपक सारंगढ़ / सारंगढ़ जिले के बोन्दा गांव के रहने वाले सुरेन्द्र सिदार पूर्व सरपंच को कोंध समाज के प्रदेश अध्यक्ष पद का दायित्व मिला है, अब कोंध समाज विकास कि ओर अग्रसर होगा, कोंध समाज के लोग समाज को आगे बढ़ाने कार्यकारिणी का गठन करके प्रदेश मे सभी पदों पर नियुक्ति कर दायित्व सौंपा है, जिससे कोंध जनजाति का प्रमुख आधार कृषि है। उनकी अर्थव्यवस्था का मुख्य स्रोत खेती, वन्य जीवन, और चारागाह होता है। कोंध समुदाय के लोग मुख्य रूप से खेती करते हैं, जिसमें धान, कोदो, मड़िया,, उड़द, चना, और दलहन जैसी फसलें शामिल होती हैं। वे अपनी खेती में विभिन्न तकनीकों का उपयोग करते हैं। इनमें वन्य फल, सब्जियां, और औषधीय पौधे भी उनकी खेती का हिस्सा होते हैं। वन्य फलों का संग्रह करना और उन्हें खाद्य स्रोत के रूप में उपयोग करना भी उनकी गरीबी को कम करने में मदद करता है। जंगली कंदमूल एकत्र कर खाते हैं| लाख, तेन्दु पत्ता, चार (चिरोंजी) तेन्दु, महुआ, शहद एकत्र कर बेचते हैं। पूर्व में पेन्दा खेती तथा शिकार कर आश्रित थे। वर्तमान में कृषि तथा कृषि मजदूरी करते हैं। इसके अलावा, चारागाह (पशु पालन) भी कोंध समुदाय के लिए महत्त्वपूर्ण है। वे गाय, भैंस, बकरी, और मुर्गा पालते हैं, जो दूध, घी, गोबर, और मांस का स्रोत होते हैं। चारागाह से प्राप्त उपज का उपयोग अपने रोजगार और आर्थिक स्थिति में सुधारने के लिए करते है। खेती, चारागाह, और वन्य जीवन से जुड़ी उपज उनकी आर्थिक स्थिति में महत्त्वपूर्ण योगदान देती हैं, जिससे प्रदेश मे प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व बरमकेला के बोन्दा निवासी सुरेन्द्र सिदार को मिलने पर जनपद सदस्य पूजा संतोष चौहान ने बधाई देते हुए शुभकामनायें दिया है अब प्रदेश अध्यक्ष बनने पर क्षेत्र के कोंध समाज मे उत्साह का माहौल है।